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गायत्री मंत्र - Gayatri Mantra Lyrics ! Meaning of Gayetri Mantra

गायत्री मंत्र लिरिक्स हिंदी में


गायत्री मंत्र लिरिक्स हिंदी में

ॐ भूर्भुवः स्वः

तत्सवितुर्वरेण्यम्

भर्गो देवस्य धीमहि

धियो यो नः प्रचोदयात् ।


गायत्री मंत्र ऋग्वेद के तीसरे मंडल में है। इस में कुल 62 सूक्त हैं जो इंद्रदेव और अग्निदेव को समर्पित हैं। इसकी रचना महर्षि विश्वामित्र ने की।


Gayatri Mantra Lyrics in English

Om Bhur Bhuva Swaha
Tat Savitur Varenyam
Bhargo Devasya Dhimahi
Dhiyo Yonah Prachodayat.




  • ॐ (oṃ) = OM is a sacred sound and a spiritual symbol in Indian religions
  •  भूर (bhūr) = प्राण प्रदाण करने वाला Who gives life. 
  • भुवः (bhuvaḥ) = दुख़ों का नाश करने वाला Destroyer of sorrows.
  •  स्वः (suvaḥ) = सुख़ प्रदाण करने वाला who gives happiness. 
  • तत (tat) = वह that. 
  • सवितुर (savitur) = सूर्य की भांति उज्जवल Bright like the sun. 
  • वरेण्यं (vareṇyaṃ) = सबसे उत्तम The Best.
  •  भर्गो (bhargo) = कर्मों का उद्धार करने वाला The Savior.
  •  देवस्य (devasya) = प्रभु Lord. 
  • धीमहि (dhīmahi) = ध्यान (आत्म चिंतन के योग्य) Worthy of self reflection.
  •  धियो (dhiyo) = बुद्धि wisdom.
  • यो (yo) = जो Who नः (naḥ) = हमारी Ourselves 
  • प्रचोदयात् (prachodayāt) = हमें शक्ति दें Give us strength.

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